जानिये हर प्राणायाम को करने की विधि
प्राणस्य आयाम: इत प्राणायाम’। ”श्वासप्रश्वासयो गतिविच्छेद: प्राणायाम”-(यो.सू. 2/49)
अर्थात प्राण की स्वाभाविक गति श्वास-प्रश्वास को रोकना प्राणायाम (Pranayama) है।
सामान्य भाषा में जिस क्रिया से हम श्वास लेने की प्रक्रिया को नियंत्रित करते हैं उसे प्राणायाम (pranayam) कहते हैं। प्राणायाम से मन-मस्तिष्क की सफाई की जाती है। हमारी इंद्रियों द्वारा उत्पन्न दोष प्राणायाम से दूर हो जाते हैं। कहने का मतलब यह है कि प्राणायाम करने से हमारे मन और मस्तिष्क में आने वाले बुरे विचार समाप्त हो जाते हैं और मन में शांति का अनुभव होता है और शरीर की असंख्य बीमारियो का खात्मा होता है।
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नाड़ी शोधन प्राणायाम करने के फायदे और विधि
नाड़ी शोधन प्राणायाम: अन्य प्राणायाम की तरह नाड़ी शोधन भी एक बेहद सरल प्राणायाम है। मनुष्य की नाड़ी उसके शरीर को ऊर्जा प्रदान करने वाला एक चैनल है जो कभी-कभी कई कारणों से ब्लॉक हो जाता है। नाड़ी शोधन प्राणायाम सांस लेने और छोड़ने की एक तकनीक (breathing technique) है जो बंद एनर्जी चैनल को खोलने में मदद करती है और दिमाग को शांत रखती है। इस आर्टिकल में आप जानेंगे नाड़ी शोधन प्राणायाम क्या होता है, नाड़ी शोधन प्राणायाम की विधि और नाड़ी शोधन प्राणायाम के फायदे के बारे में।
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स्वस्थ फेफड़ों के लिए योग अनुलोम विलोम प्राणायाम
पीलिया को दूर करने के लिए योग कपालभाति प्राणायाम
प्राणायाम एक साँस लेने का व्यायाम है जो यकृत के सिरोसिस, पीलिया, हेपेटाइटिस और अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों के यकृत के स्वास्थ्य को बढ़ाने के लिए जाना जाता है। कपालभाति प्राणायाम योग जो यकृत को उत्तेजित करता है और विभिन्न प्रकार की यकृत समस्याओं का प्रभावी ढंग से इलाज करता है। यह प्लीहा की कार्यक्षमता में भी मदद करता है। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को जमीन पर बिछाकर पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं। अपने दोनों हाथों को घुटनों पर रखे और ध्यान की मुद्रा में बैठे। साँस अन्दर को ओर ले अब साँस को बाहर छोड़ते हुए पेट को अन्दर की ओर इस प्रकार खींचे की पेट और पीठ आपस में मिल जाएं।
निम्न रक्तचाप के लिए योग भस्त्रिका प्राणायाम
निम्न रक्तचाप से पीड़ित लोगों के लिए भस्त्रिका प्राणायाम एक प्रभावी श्वास योग है। इसके अभ्यास से शरीर को सभी विषाक्त पदार्थों से छुटकारा पाने में मदद मिलती है। फेफड़े मजबूत बनते हैं और आप भस्त्रिका प्राणायाम का अभ्यास करके शरीर को ऑक्सीजन की प्रचुर आपूर्ति प्राप्त करते हैं। योग करने से पहले इसका अभ्यास करें। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को जमीन पर बिछा के पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं। अपनी आँखों को बंद कर लें और अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। कुछ देर ध्यान की मुद्रा में बैठे और तर्जनी को अंगूठे से मिलाएं।
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लो ब्लड प्रेशर के लिए प्राणायाम
निम्न रक्तचाप के लिए योग भस्त्रिका प्राणायाम – Bhastrika Pranayama Yoga for low blood pressure in Hindi
कपालभाति प्राणायाम के फायदे लो बीपी में – Kapalbhati Pranayama ke fayde low BP me in Hindi
लो बीपी के लिए योग सूर्यभेदी प्राणायाम – Suryabhedi Pranayama Yoga for low blood pressure in Hindi
निम्न रक्तचाप या हाइपोटेंशन को कम करने में प्राणायाम भी आपकी मदद कर सकते हैं। यदि आप लो ब्लड प्रेशर के रोगी हैं तो आपको निम्न प्राणायाम को करना चाहिए।
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बालों को उगाने के लिए योग कपालभाति प्राणायाम
कपालभाति प्राणायाम योग आपके बालों को फिर से उगाने में मदद कर सकता है। कपालभाति प्राणायाम पूरे शरीर में रक्त परिसंचरण की समस्या का मुकाबला करता है और बालों के विकास में मदद करता है। इस योग को करने से आपके पेट की पाचन क्रिया स्वस्थ रहती है जो वजन कम करने और मधुमेह में मदद करती है। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को जमीन पर बिछाकर पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं। अपने दोनों हाथों को घुटनों पर रखे और ध्यान की मुद्रा में बैठे। साँस अन्दर को ओर ले, अब साँस को बाहर छोड़ते हुए पेट को अन्दर की ओर इस प्रकार खींचे की पेट और पीठ आपस में मिल जाएं। फिर साँस को अन्दर ले ओर पेट को ढीला करें। य
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नींद आने का मंत्र भस्त्रिका प्राणायाम
भस्त्रिका प्राणायाम एक बहुत ही अच्छा श्वास अभ्यास हैं यह शरीर को स्वस्थ और दिमाग को खुश रखता हैं। ह्रदय और मस्तिष्क के रोगियों को एक चमत्कारी परिमाण प्राप्त करने लिए इस आसन को करना लाभदायक होता हैं। यदि आपको रात में ठीक से नींद नहीं आती है तो आप भस्त्रिका प्राणायाम का नियमित रूप से अभ्यास करें। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को जमीन पर बिछा के पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं। अपनी आँखों को बंद कर लें और अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। कुछ देर ध्यान की मुद्रा में बैठे और तर्जनी को अंगूठे से मिलाएं। अब एक गहरी साँस अन्दर लें और फिर बलपूर्वक उसके बाहर निकालें। फिर से बलपूर्वक अन
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दिमाग को रिलैक्स करने के लिए करें अनुलोम विलोम प्राणायाम
दिमाग को चिंता मुक्त करके रिलैक्स करने और मानसिक शांति के लिए आप अनुलोम विलोम प्राणायाम को करें। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को जमीन पर बिछा कर सुखासन, सिद्धासन, पद्मासन या वज्रासन में बैठ जाएं। अब अपने दाहिने हाथ को ऊपर उठायें और अंगूठे से दाहिने नाक को बंद करके बाएं नाक से लम्बी साँस लें। अब अपने दाहिने हाथ की अनामिका से बाएं नाक को बंद करके दाहिने नाक से साँस को बाहर छोड़े। इस स्थिति में आपका बायां हाथ घुटने पर रहेगा।
बेली फैट कम करने के लिए प्राणायाम में करें भुजंगासन
भुजंगासन योग करने से आपके पेट की मांसपेशियों पर जोर पड़ता है जो पाचन क्रिया को सही रखने और बेली फैट को कम करने में मदद करता है। भुजंगासन को करने लिए आप एक योगा मैट को बिछा के उस पर पेट के बल लेट जाएं जिसमे आपकी पीट ऊपर के ओर रहे। अपने दोनों हाथों को जमीन पर रखें।
अब अपने दोनों हाथों पर वजन डालते हुयें धीरे-धीरे अपने सिर को पीछे के ओर करें और ठुड्डी को ऊपर की ओर करने का प्रयास करें। ध्यान रखें की आपके कमर से नीचे का शरीर जमीन से ऊपर ना उठे। आप इस आसन में 20 से 30 सेकंड तक रुकने का प्रयास करें।
“योग विज्ञान है” – ओशो
योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग का इस्लाम, हिंदू, जैन या ईसाई से कोई संबंध नहीं है।
जिन्हें हम धर्म कहते हैं वे विश्वासों के साथी हैं। योग विश्वासों का नहीं है, जीवन सत्य की दिशा में किए गए वैज्ञानिक प्रयोगों की सूत्रवत प्रणाली है। इसलिए पहली बात मैं आपसे कहना चाहूंगा वह यह कि योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग के प्रयोग के लिए किसी तरह के अंधेपन की कोई जरूरत नहीं है।
नास्तिक भी योग के प्रयोग में उसी तरह प्रवेश पा सकता है जैसे आस्तिक। योग नास्तिक-आस्तिक की भी चिंता नहीं करता है। विज्ञान आपकी धारणाओं पर निर्भर नहीं होता; विपरीत, विज्ञान के कारण आपको अपनी धारणाएं परिवर्तित करनी पड़ती हैं। कोई विज्ञान आपसे किसी प्रकार के बिलीफ, किसी तरह की मान्यता की अपेक्षा नहीं करता है। विज्ञान सिर्फ प्रयोग की, एक्सपेरिमेंट की अपेक्षा करता है।