International Day of Yoga @ Slovenia

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  • 7th International Day of Yoga 2021

1st Edition of Surya Festival of Yoga and Wellness in Slovenia continues

On the occasion the 7th International Day of Yoga (IDY), the Embassy of India in Slovenia launched a 15-day long #SuryaFestival of Yoga and Wellness on 21st June 2021 to celebrate and institutionalize the spirit of sharing knowledge of wellbeing with our friends in Slovenia each year.

पैदल चलने के फायदे क्या हैं?

पैदल चलने के बहोत सारे फायदे है। आपको जवाब में बहुत सारे फायदे बहुत लोगों ने बताए होगे पर में ऐसा फायदा बता रहा हूं जो किसीने नहीं बताया।

जैसा कि आप जानते है अमेरिका में मोटापे की समस्या बहुत बड़ी है तो वहां की सरकार और बड़ी कंपनियां लोगों को चलने के लिए प्रोत्साहित करती है। अलग अलग तरीके से पैदल चलने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है और उसके लिए रिवार्ड्स भी दिए जाते है। ये चीज अब भारत में भी आ चुकी है।

अब आप पैदल चलने के जो हेल्थ बेनिफिट है वो तो पा ही सकते है लेकिन अब आपको पैदल चलने से वेल्थ बेनिफिट भी मिलने वाले है।

बालासन

बालासन करने की विधि 

किसी भी आसन का अभ्यास शुरू करने से पहले उसे करने के सही तरीके के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए। इसका कारण यह है कि सही तरीके से आसन का अभ्यास(practice) न करने से शरीर में समस्या उत्पन्न हो सकती है। आइये जानते हैं बालासन करने का सही तरीका क्या है।

International Day of Yoga @ Panama

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  • 7th International Day of Yoga 2021

The Ambassador attended #IDY2021 celebrations today in Nicaragua with Chief Guest, Nicaragua Foreign Minister SE Denis Ronaldo Moncada Colindres. The former Honorary Consul General Mr. Alejandro Lacayo, The Yoga Master Mr. Eloy Pallaviccini were among the top people who performed yoga from the stage. #YogaDay2021 #YogaForWellness #yogaforhealth #BeWithYogaBeAtHome #yogaforiall #YogaforLife
Ministry of External Affairs, Government of India Indian Council For Cultural Relations Ministry of AYUSH, Government of India

“योग विज्ञान है” – ओशो

 योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग का इस्लाम, हिंदू, जैन या ईसाई से कोई संबंध नहीं है। 

जिन्हें हम धर्म कहते हैं वे विश्वासों के साथी हैं। योग विश्वासों का नहीं है, जीवन सत्य की दिशा में किए गए वैज्ञानिक प्रयोगों की सूत्रवत प्रणाली है। इसलिए पहली बात मैं आपसे कहना चाहूंगा वह यह कि  योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग के प्रयोग के लिए किसी तरह के अंधेपन की कोई जरूरत नहीं है।

नास्तिक भी योग के प्रयोग में उसी तरह प्रवेश पा सकता है जैसे आस्तिक। योग नास्तिक-आस्तिक की भी चिंता नहीं करता है। विज्ञान आपकी धारणाओं पर निर्भर नहीं होता; विपरीत, विज्ञान के कारण आपको अपनी धारणाएं परिवर्तित करनी पड़ती हैं। कोई विज्ञान आपसे किसी प्रकार के बिलीफ, किसी तरह की मान्यता की अपेक्षा नहीं करता है। विज्ञान सिर्फ प्रयोग की, एक्सपेरिमेंट की अपेक्षा करता है।