योगासन करें और बनाएं सुन्दर बॉडी

बढ़ते प्रचलन ने लोगों को भी ज्यादा सतर्क बना दिया है। बढ़ती कमर और बढ़ते चयापचय (मेटाबॉलिज्म) विकार- कैंसर, डायबिटीज़ और अन्य बीमारियों को देखते हुए लोग स्वास्थ्य, डाइट प्लान और फिटनेस को ज्यादा प्राथमिकता दे रहे हैं। एक लंबे समय से मैं मानती आ रही थी कि योगा में सिर्फ व्यायाम शामिल होते हैं, जिसमें आसन को कुछ सेकंड तक बनाए रखना ही मुख्य उद्देश्य होता है। यही नहीं, मेरा सोचना था कि योगा वह लोग करते हैं जो स्वस्थ तो हैं, लेकिन वह अपने शरीर में लचीलापन लाना चाहते हैं। जिम में उच्च प्रखर कसरत करने के अलावा, मैंने कभी भी वजन कम करने के लिए योग को प्रभावी कसरत नहीं माना। मुझे योगा के विभिन्न आसन

गूढ़ यौगिक विधियों की सरलतम व्याख्या

योग अपने आप में एक अनोखा व शक्तिशाली विज्ञान है। यह आज के भौतिक विज्ञान से कई गुना अधिक प्रभावशाली तथा रहस्यमय है। आज के अणु- परमाणु की शक्तियों से कहीं ज्यादा शक्तियाँ इस विज्ञान में समायी हैं। आज से लाखों वर्षों पूर्व हमारे ऋषि- मनीषि इस विज्ञान से, उसकी सम्यक् प्रयोग विधियों से परिचित थे। आज धर्मशास्त्र का जो विशाल ढाँचा देखने को मिलता है, वह इसी विज्ञान की व्याख्या- विवेचन मात्र है। वेद, उपनिषद् आदि तमाम आर्ष साहित्य इसी विज्ञान के विकास- विस्तार हैं। इस विज्ञान को साधने, उसकी शक्तियों को हस्तगत करने के लिए कठिन साधनाएँ करनी पड़ती हैं। इसकी एक- एक शक्ति को प्राप्त करने लिए वर्षों ही नहीं

राजयोग (अष्टांग योग) क्या है ?

राजमार्ग का अर्थ है आम- रास्ता। वह रास्ता जिस पर होकर हर कोई चल सके। राजयोग का भी ऐसा ही तात्पर्य है। जिस योग की साधना हर कोई कर सके। सरलतापूर्वक प्रगति कर सके। महर्षि पतंजलि निर्देशित राजयोग के आठ अंग हैं। 
1. यम 
सभी प्राणियों के साथ किये जाने वाले व्यावहारिक जीवन को यमों द्वारा सात्त्विक व दिव्य बनाना होता है। यम पाँच हैं। 
सत्य- बात को ज्यों का त्यों कह देना सत्य नहीं है, वरन् जिसमें प्राणियों का अधिक हित होता हो, वही सत्य है। 

पुरुषों के योग करने के फायदे

आज-कल अकसन पुरुषों को जिम में घंटो पसीना बहाते हुए देखा जाता है। कुछ पुरुष तो समय के इतने पक्‍के होते हैं कि वह हफ्तों के सातो दिन मासपेशियां बनाने के लिये तैयार रहते हैं। वहीं दूसरी ओर देखा जाए तो पार्क में कसरत और योग करने वालों की संख्‍या में भारी गिरावट आई है। पुरुष सोंचते हैं कि जिम में जा कर ट्रेडमिल पर एक घंटा दौड़ लेने से और कुछ देर मासपेशियां बना लेने से वह पूरी तरह से फिट हो जाएंगे। मगर ऐसा सोंचना पूरी तरह से गलत है।

पेट की चर्बी घटाए धनुरासन

आज पूरी दुनिया मोटापे से परेशान है और इसके लिये लोक बहुत परेशान हैं। अगर आप बिना जिम जाए पेट की चर्बी को घटाना चाहते हैं तो, धनुरासन करें। धनुरासन से पेट की चर्बी कम होती है। धनु का अर्थ धनुष होता है। इस आसन में धनुषाकार आकृति बनाई जाती है। इसमें हाथों का उपयोग सिर, धड और टांगों को ऊपर खींचने के लिए प्रत्यंचा की तरह किया जाता है। शरीर को धनुष के समान टेड़ाकरके फ़ैलाने और शरीर को सशक्त बनाने की इस क्रिया से तरुणाई की प्राप्ति होती है। इससे सभी आंतरिक अंगों, माँसपेशियों और जोड़ों का व्यायाम हो जाता है। गले के तमाम रोग नष्ट होते हैं। पाचनशक्ति बढ़ती है। श्वास की क्रिया व्यवस्थित चलती है। मेरुदं

बालों के लिए योगाभ्यास

हेयर योगा- उम्र से पहले बालों का सफेद होना एक आम समस्या है और इससे निजात पाने के लिए कारगर है- ग्रे हेयर योगा। इस योगा में हाथों के नाखूनों को आपस में रगड़ा जाता है। आप एक हाथ के नेल्स को दूसरे हाथ के नेल्स से रब करें। इसे एक दिन पांच मिनट के लिए 5 बार करें। अगर आप इसे योग को छह महीने के लिए नियमित तौर पर करते हैं तो बालों के असमय सफेद होने की समस्या से निजात पायी जा सकती है।

 

स्किन को जवान बनाए रखना हो तो रोज करें सिंहासन

वर्तमान समय में अधिकांश लोगों की दिनचर्या और खानपान दोनों ही अनियमित है। यही कारण है कि कुछ लोगों के चेहरे पर कम उम्र में ही झुर्रिया दिखाई देने लगती हैं। ऐसे में जो लोग इस समस्या से परेशान रहते हैं, वे एंटीएजिंग क्रीम का इस्तेमाल करते हैं। यदि आप भी इस समस्या से परेशान हैं और एंटी एजिंग क्रीम कोई असर नहीं दिखा रहे तो रोज सिंहासन करें।

 

हर चक्र को जागृत करने के लिए कई आसन

सात चक्रों को लेकर जब भी बातें होती हैं, वो कभी हमारी समझ और कभी तो हमारी पकड़ से बाहर लगती है। इस आलेख में चक्रों की उन खूबियों की चर्चा है, जो सीधे तरीक़े से हमारे व्यक्तित्व को प्रभावित करती हैं। साथ ही जानेंगे कि कैसे योग साधना के सरल उपाय से हम अपने व्यक्तित्व को कई आयामों में खिला सकते हैं।

क्या योग और ध्यान से सबकुछ संभव है?

एक बार हम ध्यान शिविर में बैठ के चर्चा कर रहे थे।

सामने बर्फ से ढके हिमालय की खूबसूरती और ताजी मनमोहक हवा हमारे मन को आनंदित कर रही थी।

पंचकेदार के पास एक बहुत ही खूबसूरत जगह है जहाँ हमारे गुरुजी ऐसे ध्यान शिविर कराते रहते हैं।

उस दिन गुरुजी किसी काम से बाहर थे और सबको ध्यान कराने की जिम्मेदारी मेरे ऊपर थी।

दिल्ली के एक बड़े व्यापारी हम सबके साथ बैठ कर ध्यान सीख रहे थे।

उन्होंने मुझसे पूछा : क्या ध्यान योग से कोई भी शक्ति प्राप्त की जा सकती है? और कुछ भी किया जा सकता है?

स्मरण शक्ति बढ़ाए हलासन, भस्त्रिका, ध्यान

जीवन की सफलता में स्मरण शक्ति की खास भूमिका होती है। यह अगर कमजोर हो जाए तो कई बार अपमान का भी सामना करना पड़ता है। आप उसे बेहतर करने के लिए यौगिक क्रियाओं को अपनाएं। बता रहे हैं योगाचार्य कौशल कुमार

“योग विज्ञान है” – ओशो

 योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग का इस्लाम, हिंदू, जैन या ईसाई से कोई संबंध नहीं है। 

जिन्हें हम धर्म कहते हैं वे विश्वासों के साथी हैं। योग विश्वासों का नहीं है, जीवन सत्य की दिशा में किए गए वैज्ञानिक प्रयोगों की सूत्रवत प्रणाली है। इसलिए पहली बात मैं आपसे कहना चाहूंगा वह यह कि  योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग के प्रयोग के लिए किसी तरह के अंधेपन की कोई जरूरत नहीं है।

नास्तिक भी योग के प्रयोग में उसी तरह प्रवेश पा सकता है जैसे आस्तिक। योग नास्तिक-आस्तिक की भी चिंता नहीं करता है। विज्ञान आपकी धारणाओं पर निर्भर नहीं होता; विपरीत, विज्ञान के कारण आपको अपनी धारणाएं परिवर्तित करनी पड़ती हैं। कोई विज्ञान आपसे किसी प्रकार के बिलीफ, किसी तरह की मान्यता की अपेक्षा नहीं करता है। विज्ञान सिर्फ प्रयोग की, एक्सपेरिमेंट की अपेक्षा करता है।