बॉडी बनाने के लिए रात के खाने में (डिनर)

डिनर का महत्व – इंसुलिन लेवल को बढ़ाने के लिए डिनर बहुत महत्वपूर्ण है। जो लोग शकाहारी आहार का सेवन करते हैं, वे अपने पोस्ट वर्कआउट प्रोटीन को हरी बीन्स, फलियां, टोफू, पनीर से प्राप्त कर सकते हैं। जबकि मासाहरी लोग चिकन, मछली, अंडे और समुद्री भोजन से प्रोटीन ले सकते हैं । जहां तक काब्र्स की बात है, तो आपको इसके बारे में ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है। आप प्रोटीन युक्त भोजन जैसे ब्राउन राइस, शकरकंद खा सकते हैं।

वेजिटेरियन – एवोकेडो और पनीर ड्रेसिंग के साथ व्हाइट बीन सलाद खा सकते हैं।

नॉन वेजिटेरियन – चिकन और ब्रोकली सलाद खाएं।

पोस्ट वर्कआउट रिकवरी को मजबूती और गति देने वाले प्रोटीन सप्लीमेंट

फास्ट कार्बोहाइड्रेट- जब आप कसरत खत्म करते हैं, तब तक शरीर का ग्लाइकोजिन लेवल बहुत कम हो जाता है। ग्लाइकोजिन आमतौर पर कार्बोहाइड्रेट का भंडार है, जिसे शरीर जरूरत पड़ने पर फ्यूल के रूप में इस्तेमाल करता है। अगर शरीर में इसकी कमी हो जाए, तो आप ऊर्जा की कमी का अनुभव करते हैं। ऐसे में डेक्सट्रोज मोनोहाइड्रेट जैसे तेज काब्र्स का सेवन ग्लाकोजन की भरपाई करने में मदद करता है।

मस्कुलर बॉडी पाने के लिए वर्कआउट के बाद (पोस्ट वर्कआउट शेक)

पोस्ट वर्कआउट शेक का महत्व- इंटरनेशनल जर्नल ऑफ स्पोट्र्स न्यूट्रिशन एंड एक्सरसाइज मेटाबॉलिज्म के अनुसार दोपहर के लंच के बाद वर्कआउट करना जरूरी है। वर्कआउट के बाद मट्ठा पीना चाहिए। क्योंकि इससे अच्छी मात्रा में शरीर को प्रोटीन मिलता है। कसरत या व्यायाम के बाद का शेक आपको दैनिक प्रोटीन सेवन को प्राप्त करने में मदद करता है।

वेजिटेरियन – व्हेय प्रोटीन शेक और डेक्सट्रोज मोनोहाइड्रेट पी सकते हैं।

नॉन वेजिटेरियन – व्हेय प्रोटीन शेक और डेक्सट्रोज मोनोहाइड्रेट पी सकते हैं।

बॉडी बनाने के लिए शाम को वर्कआउट से पहले (प्री-वर्कआउट मील)

प्री-वर्कआउट का महत्व- कई अध्ययनों से पता चला है, कि ट्रेनिंग सेशन से 45-60 मिनट पहले भोजन का सेवन एक्सरसाइज के दौरान आपके प्रदर्शन को बढ़ावा दे सकता है। प्रोटीन और कम जीआई काब्र्स से भरपूर प्री-वर्कआउट मील मांसपेशियों को ऊर्जा का एक स्त्रोत प्रदान करता है। यह आपकी मांसपेशियों का निर्माण करेगा।

वेजिटेरियन – साबुत अनाज टोस्ट के साथ एक छोटा कटोरा बेक किया हुआ शकरकंद खाएं।

नॉन वेजिटेरियन – नॉन- वेजिटेरियन लोग शकरकंद और प्रोटीन पाउडर ले सकते हैं।

मस्कुलर बॉडी पाने के लिए दोपहर के खाने में (लंच)

लंच का महत्व- कुछ  कैलोरी के साथ मिड मॉर्निग मील लेने के बाद लंच यानि दोपहर में खाने का बहुत महत्व है। पौष्टिकता से भरपूर लंच कैटाबॉलिज्म को दूर रखने और काम करने के लिए आपको निरंतर ऊर्जा प्रदान करने में मदद करता है।

वेजिटेरियन – मिक्स्ड बीन सब्जी के साथ एक कप ब्राउन राइस और एक कप पका हुआ फूलगोभी या ब्रोकली खाएं।

नॉन वेजिटेरियन – मछली, ब्राउन राइस , मिक्स वेजीस का सेवन करें।

बॉडी बनाने के लिए नाश्ते के बाद (मिड मॉर्निग मील)

मिड मॉर्निग मील का महत्व- इस बात में बहुत अंतर है, कि आप दो मील में 2000 कैलोरी का सेवन करते हैं और यही 2000 कैलोरी आप तीन मील और दो स्नैक्स में लेते हैं। असल में जब आप 2000 कैलोरी चार से पांच मील में लेते हैं, तो शरीर को इन कैलोरी को आसानी से मेटाबोलाइज्ड करने में मदद मिलती है और खास बात यह है, कि स्नैकिंग भोजन के बीच के गैप को कम कर देतेा है, जिससे अक्सर वजन बढ़ने की समस्या पैदा होती है। नाश्ते के बाद मिड मॉर्निंग मील में आप ब्रोकली जैसी रेशेदार सब्जी के साथ प्रोटीन युक्त शकरकंद का सेवन कर सकते हैं।

मस्कुलर बॉडी पाने के लिए नाश्ते में (ब्रेकफास्ट)

ब्रेकफास्ट का महत्व- दिन के तीन मील में ब्रेकफास्ट सबसे जरूरी मील है। सुबह का नाश्ता टोन सेट करता है और दिनभर शारीरिक और मानसिक रूप से हमारी परफार्मेंस को प्रभावित करता है। दरअसल, सोने के शुरूआती घंटों में हमारा शरीर ब्लड ग्लूकोज और लीवर ग्लाइकोजेन को ऊर्जा की जरूरत पूरी करने के लिए फ्यूल के रूप में इस्तेमाल करता है। हालांकि सुबह जब तक हम उठते हैं, तो ग्लाइकोजन जमा हो जाता है और ग्लूकोज भी बहुत कम हो जाता है। ऐसे में कोर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है। कोर्टिसोल को स्ट्रेस हार्मोन के रूप में भी जाना जाता है, अगर आप नाश्ता नहीं करते, तो कोर्टिसोल का लेवल हाई बना रहता है, जिसका नकारात्मक प्रभाव आप

बॉडी बनाने के लिए सुबह नाश्ते से पहले (वेकअप मील)

वेकअप मील का महत्व- सुबह नाश्ते से पहले का भोजन या वेकअप मील बॉडी बिल्डिंग बनाने वाले लोगों के लिए बहुत जरूरी है। जब आप रात की 7 से 10 घंटे की नींद के बाद सुबह उठते हैं, तो शरीर पहले से ही कैटाबॉलिक अवस्था में होता है। इसका मतलब यह है, कि आपका शरीर अब दुबले मांसपेशियों के ऊतकों को कार्य के फ्यूल के रूप में जला रहा है। इसके लिए सबसे पहले कैटाबॉलिक स्टेट से बाहर निकलें। नाश्ते से ठीक पहले फास्ट प्रोटीन और फलों का सेवन करें। ये आपको कैटाबॉलिक स्टेट से बाहर निकालने में बहुत मदद करेंगे।

बॉडी बनाने के लिए भारतीय डाइट चार्ट

बॉडी बनाने के लिए अपने डाइट प्लान में प्रोटीन का सेवन ज्यादा करना चाहिए। क्योंकि प्रोटीन से ही मसल्स बनते हैं। कुछ लोगों का मानना होता है कि नॉन-वेज (जैसे मीट, अंडा, मटन, चिकन) खाने से ही बॉडी बनती है, यह काफी हद तक सही है, लेकिन वेजीटेरियन लोग भी कुछ हेल्दी फूड्स का सेवन कर मसल्स बना सकते हैं। उन्हें रोजाना अपनी डाइट में दूध, दलिया और ओट्स को शामिल करना होगा। इनमें हाई क्वालिटी प्रोटीन होता है। अगर आपको अपने आहार में संपूर्ण प्रोटीन नहीं मिल रहा है, तो आप एक अच्छा प्रोटीन सप्लीमेंट भी ले सकते हैं। नीचे हम आपको बॉडी बनाने के लिए भारतीय डाइट प्लान बता रहे हैं। इसे फॉलो कर आप आसानी से मसल्स ब

मस्कुलर बॉडी पाने के लिए जरूरी पोषक तत्व

विशेषज्ञ भारतीय बॉडी बिल्डर्स को जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर डाइट प्लान फॉलो करने की सलाह देते हैं। नीचे हम आपको कुछ ऐसे ही जरूरी पोषक तत्वों की जानकारी दे रहे हैं, जिससे आप समझ पाएंगे कि ये सभी न्यूट्रिएंट्स मस्कुलर बॉडी बनाने के लिए क्यों जरूरी हैं।

“योग विज्ञान है” – ओशो

 योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग का इस्लाम, हिंदू, जैन या ईसाई से कोई संबंध नहीं है। 

जिन्हें हम धर्म कहते हैं वे विश्वासों के साथी हैं। योग विश्वासों का नहीं है, जीवन सत्य की दिशा में किए गए वैज्ञानिक प्रयोगों की सूत्रवत प्रणाली है। इसलिए पहली बात मैं आपसे कहना चाहूंगा वह यह कि  योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग के प्रयोग के लिए किसी तरह के अंधेपन की कोई जरूरत नहीं है।

नास्तिक भी योग के प्रयोग में उसी तरह प्रवेश पा सकता है जैसे आस्तिक। योग नास्तिक-आस्तिक की भी चिंता नहीं करता है। विज्ञान आपकी धारणाओं पर निर्भर नहीं होता; विपरीत, विज्ञान के कारण आपको अपनी धारणाएं परिवर्तित करनी पड़ती हैं। कोई विज्ञान आपसे किसी प्रकार के बिलीफ, किसी तरह की मान्यता की अपेक्षा नहीं करता है। विज्ञान सिर्फ प्रयोग की, एक्सपेरिमेंट की अपेक्षा करता है।