बॉडी बनाने के लिए अपनाएं ये इंडियन डाइट प्लान

क्या आप भी बॉडी बनाना चाहते हैं और इसके लिए कोई डाइट प्लान ढूंढ रहे हैं। तो अब आप फ्रिक मत कीजिए। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि बॉडी बनाने के लिए कौन सा डाइट प्लान अच्छा है। आज हर कोई अच्छी बॉडी बनाना चाहता है। इसके लिए लोग घंटों जिम में पसीना बहा रहे हैं, तो कुछ दवा के सहारे अपना वजन और बॉडी बिल्डअप कर रहे हैं। इसके बजाए बॉडी बनाने के लिए अगर किसी सही डाइट प्लान को फॉलो किया जाए, तो यह आपके लिए बहुत फायदेमंद होगा और बॉडी बिल्डिंग में बहुत आसानी होगी।

बताएं कि स्वस्थ वसा अच्छा है

किशोर बच्चे अपने वजन बढ़ने के डर से फैट से दूर रहते हैं। लेकिन, आप उन्हें बताएं कि सभी वसा खराब नहीं होते। उन्हें स्वस्थ वसा की अवधारणा के बारे में बताएं, जो उनके स्वस्थ बालों और त्वचा के लिए बहुत जरूरी है। बच्चों को ट्रांस फैट का सेवन न करने दें, ये उनका वजन बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होता है।

15 साल के बच्चों के लिए डाइट प्लान का पांचवा दिन

स्नैक में- एक होल ग्रेन टोस्ट, एक खीरा और एक गिलास फ्रेश जूस पीने के लिए दें।

दोपहर के भोजन में- उबली हुई सब्जियों के साथ पांच औंस (142 ग्राम) मछली और एक कप बीन्स सर्व करें।

ईवनिंग स्नैक में- एक कप दही के साथ फलों की स्मूदी दें।

रात के खाने में – चीज और वेजिटेबल ऑमलेट देना अच्छा विकल्प है।

15 साल के बच्चे का भोजन चार्ट का तीसरा दिन

नाश्ते में- दो चम्मच मक्खन डला एक कप दलिया और एक कप चाय दें।

स्नैक में- एक कप दूध के साथ टोस्ट और एक पनीर का टुकड़ा दे सकते हैं।

दोपहर के भोजन में- पकी हुई सब्जियों के साथ मछली और एक गिलास फ्रेश जूस दें।

15 साल के बच्चे का भोजन चार्ट का पहला दिन

नाश्ते में- सुबह नाश्ते में एक कप चाय, एक कप दलिया, एक चम्मच मक्खन और एक अंडे के साथ ताजे जामुन बच्चों को खिला सकते हैं।

स्नैक में- एक कप केले के साथ एक कप दही या दूध पीने के लिए दें।

दोपहर के भोजन में- एक कटोरी दाल और चीज व वेजिटेबल की ऑमलेट खाने के लिए दें।

ईवनिंग स्नैक में- एक नाशपति और एक कप पनीर दे सकते हैं।

रात के खाने में – वेजिटेबल सलाह के साथ बेक्ड किए हुए आलू सर्व करना अच्छा विकल्प है।

15 साल के बच्चे का भोजन चार्ट में शामिल किए जाने वाले खाद्य पदार्थ

15 की उम्र में बॉडी को मेनटेन रखने के लिए फल और सब्जियों में मौजूद पोषक तत्व जैसे विटामिन, मिनरल्स और हेल्दी फैट सबसे अच्छे प्राकृतिक स्त्रोत हैं। यहां सभी खाद्य समूहों से लेकर स्वस्थ आहार खाद्य पदार्थों की पूरी सूची दी गई है। यह सभी पदार्थ किशोरों के लिए संतुलित आहार में शामिल किए जा सकते हैं।

कैल्शियम रिच फूड- मिल्क, चीज, योगर्ट, सोयाबीन, टोफू और नट्स।

विटामिन डी रिच फूड- सीरियल्स, ऑयली फिश।

नेचुरल प्रोटीन फूड- रेड मीट, मछली, दाल, हरी सब्जियां।

किशोरों की दैनिक कैलोरी की आवश्यकता

हर व्यक्ति की दैनिक कैलोरी आवश्यकता अलग-अलग होती है। लेकिन, बात अगर किशोरों की हो, तो उन्हें कैलोरी की जरूरत 1600 से 2600 के बीच होती है। टीनएजर गल्र्स अपने वजन को लेकर ज्यादा संवेदनशील होती हैं। वे अक्सर अव्यवस्थित खाने की आदतों को अपनाती हैं, जैसे भूखा रहना, मील स्किप करना आदि। आहार विशेषज्ञों के अनुसार किशोर लड़कियों की दैनिक कैलोरी का सेवन 1600-2400 कैलेारी के बीच होना चाहिए। कम या आसान जीवनशैली वाली टीनएजर लड़कियों के लिए 1600 और एक्टिव लाइफस्टाइल वाली लड़कियों के लिए 2400 कैलोरी होना चाहिए।

जालन्धर बन्ध

सर्वप्रथम सुखासन में बैठेंगे। इस बँध में गले की मासपशियों का परिचालन होता है हमारे सिर में बहुत सी वात नाड़िया होती है हम यह भी कह सकते हैं कि उनका जाल होता है जिससे हमारे शरीर का संचालन होता है और ऐसे में इसका स्वस्थ रहना अति आवश्यक है जालन्धर बंध ऐसा बंध है जिसे सारे सिर का व्यायाम होता है इस बंध को करने से सोलह नाड़ियों पर प्रभाव पड़ता है वो नाडिया कुछ इस प्रकार से हैं

लिंग, नाभि, ह्रदय, पादांगुष्ठ, गुल्फ, घुटने, जंघा, सीवनी, नासिका, ग्रीवा, कण्ठ, लम्बिका, नासिका, भ्रू , कपाल, मूर्धा और ब्रह्मरंध्र  ये सभी स्थान जालन्धर बंध के प्रभाव क्षेत्र में आते हैं।

ઉડ્ડિયાન બંધ

ઉડ્ડિયાન બંધ : ઉડ્ડિયાન શબ્દનો અર્થ ઉડવું કે ઉર્ધ્વ ગમન એવો થાય છે. બંધની આ પ્રક્રિયામાં પેઢાંના સ્નાયુઓ (abdominal organs) એકસાથે અંદરની તરફ અને ઉપરની દિશામાં ખેંચવામાં આવે છે. એથી આ બંધને ઉડ્ડિયાન બંધ તરીકે ઓળખવામાં આવે છે. 

ખાસ નોંધ

ઉડ્ડિયાન બંધ પેટ સાફ થયા પછી એટલે કે ખાલી પેટે કરવો જરૂરી છે. 

“योग विज्ञान है” – ओशो

 योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग का इस्लाम, हिंदू, जैन या ईसाई से कोई संबंध नहीं है। 

जिन्हें हम धर्म कहते हैं वे विश्वासों के साथी हैं। योग विश्वासों का नहीं है, जीवन सत्य की दिशा में किए गए वैज्ञानिक प्रयोगों की सूत्रवत प्रणाली है। इसलिए पहली बात मैं आपसे कहना चाहूंगा वह यह कि  योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग के प्रयोग के लिए किसी तरह के अंधेपन की कोई जरूरत नहीं है।

नास्तिक भी योग के प्रयोग में उसी तरह प्रवेश पा सकता है जैसे आस्तिक। योग नास्तिक-आस्तिक की भी चिंता नहीं करता है। विज्ञान आपकी धारणाओं पर निर्भर नहीं होता; विपरीत, विज्ञान के कारण आपको अपनी धारणाएं परिवर्तित करनी पड़ती हैं। कोई विज्ञान आपसे किसी प्रकार के बिलीफ, किसी तरह की मान्यता की अपेक्षा नहीं करता है। विज्ञान सिर्फ प्रयोग की, एक्सपेरिमेंट की अपेक्षा करता है।