जांघों को मजबूत करे अनंतासन योग
अनंतासन योग आपके जांघों की मासपेशियों को मजबूत करने में लाभदायक होता हैं, यह आपके कुल्हें को मजबूत करता हैं, हैमस्ट्रिंग को फैलता हैं, यह कमर के दर्द को भी ठीक करता हैं। अनंतासन योग आप आपके कूल्हों और जांघों का वजन कम करता हैं।
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अनंतासन योग के लाभ मजबूत रीढ़ में
रीढ़ को मजबूत करने अनंतासन योग बहुत ही लाभदायक आसन है। इस योग को करने से रीढ़ के साथ-साथ पैर की मांसपेशियाँ अधिक लचीली हो जाती हैं, हैमस्ट्रिंग भी खिंचती और मजबूत होती है। अनंतासन योग आपके धड़ के किनारों को फैलाता है और मजबूत करता है।
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पाचन तंत्र में लाभदायक अनंतासन योग
अनंतासन योग हमारी पाचन क्रिया को मजबूत करता हैं और पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता हैं। इस आसन के नियमित से अभ्यास पेट में बनाने वाली गैस से हमें छुटकारा मिलता हैं साथ ही यह अन्य पेट में होने वाली समस्या जैसे कब्ज, अपच, दस्त, पेट के ऐंठनdwqw`2 आदि के लिए आरामदायक होता हैं।
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विष्णु आसन पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए
अनंतासन योग पैरों, विशेष रूप से घुटना, टखनों, और जांघों में मांसपेशियों को टोन करता है। इसके अलावा इस योग से धड़ और पीठ के निचले हिस्से को मजबूत किया जाता है। इस अनंतासन योग का अभ्यास करने से कूल्हों, रीढ़ और छाती की मांसपेशियों को एक अच्छा खिंचाव मिलता है।
अनंतासन योग के फायदे रक्त परिसंचरण में
पूरे शरीर में बेहतर रक्त परिसंचरण के लिए अनंतासन योग बहुत ही लाभदायक होता हैं। इस योग को करने के लिए आपको अपने पैर और हाथों को ऊपर उठाना होता हैं जिससे आपके नीचे पूरे शरीर में रक्त की अच्छा मात्रा पहुँचती है। यह श्रोणि क्षेत्र के विकास में भी मदद करता है।
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अनंतासन योग के लाभ
विष्णु आसन या अनंतासन योग करने के अनेक लाभ हैं यह हमारे शरीर के विभिन्न प्रकार के रोगों को दूर करने में मदद करता हैं आइये इसके फायदों को विस्तार से जानते हैं-
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अनंतासन योग करने का तरीका
विष्णु आसन या अनंतासन योग आसन करने के लिए आपको नीचे कुछ स्टेप्स दी जा रही हैं जिसकी सहायता से आप इस आसन को आसानी से कर सकते हैं।
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अनंतासन योग करने से पहले करें यह आसन
अनंतासन योग आसन करने से पहले आप नीचे दिए गए कुछ योग आसन का अभ्यास करें जिससे आपको इस आसन को करने में आसानी होगी-
त्रिकोणासन
अधोमुख श्वान आसन
सुप्तपदांगुष्ठासन
उत्तानपादासन
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अनंतासन योग क्या हैं
अनंतासन को योग श्रंखला का सबसे अच्छा योग आसन माना जाता है। अनंतासन एक संस्कृत भाषा का शब्द है जो शब्दों से मिलकर बना है जिसका पहला शब्द “अनंत” है जिसका अर्थ “असीम” होता है और दूसरा शब्द “आसन” है जिसका अर्थ “पोज़” या “मुद्रा” होता है। अनंतासन योग को विष्णु आसन भी कहा जाता है। अनंत भगवान विष्णु के कई प्रसिद्ध नामो में से एक हैं। जब आप अनंतासन करते हैं तो आपका शरीर भगवान विष्णु के आराम मुद्रा जैसा दिखता है। हिन्दू धर्म के अनुसार 1000 सिर वाले नाग को “अनंत” के रूप में भी जाना जाता है, जो विष्णु भगवान की शयन शय्या है। अनंतासन योग को अंग्रेजी में स्लीपिंग विष्णु पोज़ (Sleeping Vishnu Pose), इटरनल
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अनंतासन योग करने के करने के तरीके और उनके फायदे
नंतासन एक महत्वपूर्ण योग आसन है। इस आसन को विष्णु आसन भी कहा जाता है क्योंकि यह भगवान विष्णु के नाम पर रखा गया हैं। अनंतासन योग करना हमारे शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक होता है। इस योग आसन को करने से पूरे शरीर में रक्त का परिसंचरण अच्छी तरह से होता हैं। यह योग पेल्विक मांसपेशियों को बेहतर करता है और प्रोस्टेट ग्रंथि के कार्य को भी बढ़ावा देता हैं। आइये अनंतासन योग को करने की विधि और उससे होने होने वाले लाभों को विस्तार से जानते हैं।
“योग विज्ञान है” – ओशो
योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग का इस्लाम, हिंदू, जैन या ईसाई से कोई संबंध नहीं है।
जिन्हें हम धर्म कहते हैं वे विश्वासों के साथी हैं। योग विश्वासों का नहीं है, जीवन सत्य की दिशा में किए गए वैज्ञानिक प्रयोगों की सूत्रवत प्रणाली है। इसलिए पहली बात मैं आपसे कहना चाहूंगा वह यह कि योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग के प्रयोग के लिए किसी तरह के अंधेपन की कोई जरूरत नहीं है।
नास्तिक भी योग के प्रयोग में उसी तरह प्रवेश पा सकता है जैसे आस्तिक। योग नास्तिक-आस्तिक की भी चिंता नहीं करता है। विज्ञान आपकी धारणाओं पर निर्भर नहीं होता; विपरीत, विज्ञान के कारण आपको अपनी धारणाएं परिवर्तित करनी पड़ती हैं। कोई विज्ञान आपसे किसी प्रकार के बिलीफ, किसी तरह की मान्यता की अपेक्षा नहीं करता है। विज्ञान सिर्फ प्रयोग की, एक्सपेरिमेंट की अपेक्षा करता है।