अधोमुख श्वानासन करते समय सावधानियां

हालांकि अधोमुख श्वानासन बहुत ही लाभदायक योग मुद्रा है लेकिन इस आसन का अभ्यास करते समय कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए अन्यथा इससे नुकसान हो सकता है।यदि आपकी कलाई में किसी तरह की समस्या है तो इस आसन को करते समय सावधानी बरतें अन्यथा स्थिति गंभीर हो सकती है।
इस आसन को करते समय यदि आपको महसूस होता है कि हाथों पर शरीर का अधिक भार आ गया है तो इसे कूल्हों की ओर ले जाने का प्रयास करें अन्यथा हाथों में दर्द पैदा हो सकता है।
यदि पीठ, कमर, कंधों और भुजाओं में चोट लगी हो तो इस आसन को करने से बचें।

इंसोमेनिया दूर करने में अधोमुख श्वानासन के फायदे

अधोमुख श्वानासन करने से पीठ दर्द और कमर का दर्द, थकान, सिर दर्द और अनिद्रा की बीमारी दूर हो जात है। इसके अलावा यह आसन उच्च रक्त चाप, अस्थमा, साइटिका आदि रोग भी दूर करने में सहायक होता है।

अधोमुख श्वानासन के फायदे एनर्जी प्रदान करने में

अधोमुख श्वानासन करने से शरीर में अतिरिक्त ऊर्जा का संचार होता है। इसके अलावा यह पूरे शरीर का कायाकल्प करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अलावा यह आसन महिलाओं में मेनोपॉज (menopause) के लक्षणों को दूर करने में मदद करता है।

अधोमुख श्वानासन के फायदे चिंता दूर करने में

अधोमुख श्वानासन करने से दिमाग शांत रहता है और हर तरह की चिंता से मुक्ति मिलती है। इस आसन को करने से गर्दन और गर्दन की हड्डी (cervical spine) में खिंचाव उत्पन्न होता है जिसके कारण मस्तिष्क से चिंता दूर हो जाती है।

हाथों और पैरों को टोन करने में अधोमुख श्वानासन के फायदे

अधोमुख श्वानासन को करने के दौरान शरीर का पूरा भार हाथों और पैरों पर आकर टिकता है। इसलिए यह हाथों, पैरों एवं अन्य अंगों को टोन करने का काम करता है और उन्हें संतुलन की अवस्था में रखता है।  यह आसन हाथ, पैरों के अलावा कंधे, बांहों और सीने को भी टोन करने के साथ मजबूती प्रदान करता है।

अधोमुख श्वानासन के फायदे पाचन सुधारने में

हालांकि अधोमुख श्वानासन में शरीर को आधा ही मोड़ा जाता है लेकिन इससे पेट की मांसपेशियां पाचन तंत्र के अंगों  जैसे लिवर, किडनी और प्लीहा (spleen) पर दबाव डालकर इसे संकुचित करती हैं जिसके कारण पाचन क्रिया (digestive system) बेहतर होती है।

अधोमुख श्वानासन के फायदे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर बनाने में

अधोमुख आसन में वास्तव में शरीर के कूल्हों को ऊपर उठाया जाता है और सिर को हृदय के नीचे झुकाया जात है। इससे उटली तरफ गुरुत्वाकर्षण बल लगता है जिससे ताजे रक्त (fresh blood) का प्रवाह होता है और इसके कारण ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।

पेट की मांसपेशियों (abdominal muscles) को मजबूत बनाने में

अधोमुख श्वानासन करने से पेट की मांसपेशियों में खिंचाव उत्पन्न होता है। इससे पेट की मांसपेशियां मजबूत तो होती ही हैं साथ में पेट से संबंधित विकार भी दूर हो जाते हैं। आपको बता दें कि यह एक ऐसा आसन है जिसका पेट पर अधिक प्रभाव पड़ता है।

अधोमुख श्वानासन के फायदे –

अधोमुख श्वानासन एक सर्वोत्तम योग मुद्रा मानी जाती है। इस योग मुद्रा का अभ्यास करने से स्वास्थ्य को कई फायदे होते हैं एवं शरीर से विभिन्न विकार दूर हो जाते हैं। आइये जानते हैं अधोमुख श्वानासन के फायदे क्या हैं।

अधोमुख श्वानासन के जैसे अन्य आसन

अधोमुख श्वानासन की तरह कुछ अन्य आसन है जिनका प्रतिदिन अभ्यास करने से अधोमुख श्वानासन की तरह की लाभ मिलता है और ये आसन भी स्वास्थ्य को ठीक रखनें एवं शरीर से कई विकारों को दूर करने में फायदेमंद होते हैं।

तड़ासन (Mountain pose)
बालासन (Child’s pose)
उत्तानासन (Forward-Bending pose)
 

“योग विज्ञान है” – ओशो

 योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग का इस्लाम, हिंदू, जैन या ईसाई से कोई संबंध नहीं है। 

जिन्हें हम धर्म कहते हैं वे विश्वासों के साथी हैं। योग विश्वासों का नहीं है, जीवन सत्य की दिशा में किए गए वैज्ञानिक प्रयोगों की सूत्रवत प्रणाली है। इसलिए पहली बात मैं आपसे कहना चाहूंगा वह यह कि  योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग के प्रयोग के लिए किसी तरह के अंधेपन की कोई जरूरत नहीं है।

नास्तिक भी योग के प्रयोग में उसी तरह प्रवेश पा सकता है जैसे आस्तिक। योग नास्तिक-आस्तिक की भी चिंता नहीं करता है। विज्ञान आपकी धारणाओं पर निर्भर नहीं होता; विपरीत, विज्ञान के कारण आपको अपनी धारणाएं परिवर्तित करनी पड़ती हैं। कोई विज्ञान आपसे किसी प्रकार के बिलीफ, किसी तरह की मान्यता की अपेक्षा नहीं करता है। विज्ञान सिर्फ प्रयोग की, एक्सपेरिमेंट की अपेक्षा करता है।