पद्मासन के साथ की जाने वाली मुद्राएँ

मुद्रा करने से आमतौर पर एनर्जी का प्रवाह (flow) सक्रिय रूप से होता है। प्रत्येक मुद्रा अलग होती है और इसलिए इसके फायदे भी अलग-अलग होते हैं। लेकिन कुछ ऐसी मुद्रा हैं जिन्हें मद्मासन के साथ करने पर अद्भुत लाभ मिलता है। चिनमय मुद्रा (Chinmaya Mudra), चिन मुद्रा(Chin Mudra), ब्रह्म मुद्रा (Brahma Mudra) और आदि मुद्रा (Adi Mudra) पद्ममासन के साथ किया जा सकता है। पद्मासन को इन मुद्राओं के साथ करने से शरीर में ऊर्जा के प्रवाह को महसूस किया जा सकता है।

पद्मासन करने का तरीका

फर्श पर बैठकर अपने पैरों को फैलाएं, आपके पैर एकदम सीधे और सामने होना चाहिए। दाहिने पैर को दोनों हाथों से पकड़ें और धीरे से पैरों को मोड़ते हुए अपने बाएं जांघ (thigh) के ऊपर रखें। पैरो की स्थिति इस तरह से होना चाहिए कि वह आपके पेट की नाभि को छूए।
इसी प्रकार बाएं घुटने को भी हल्का सा मोड़ें और दोनों हाथों से पकड़कर इसे दाएं जांघ के ऊपर रखें। इस बिंदु पर आपके दोनों घुटने फर्श से छूना चाहिए और पैर के तलवे एकदम सीधे होने चाहिए।

पद्मासन करने का तरीका, फायदे और सावधानियां

पद्मासन संस्कृत का शब्द है जिसका हिंदी अर्थ कमल का फूल (lotus flower) होता है। पद्मासन योग को अंग्रेजी में लोटस पोज (Lotus pose) कहा जाता है। आइये जानते है पद्मासन योग के फायदे और करने का तरीका क्या होता है। पद्मासन को करते समय दोनों पैर एक दूसरे के जांघ पर होते हैं और कमल की आकृति बनाते हैं। इसलिए इसे कुछ जगहों पर कमलासन (kamalasan) के नाम से भी जाना जाता है।

पवनमुक्तासन करने में बरतें सावधानियां

 जो व्यक्ति पीठ के दर्द या कमर में दर्द से पहले से ही पीड़ित हों उन्हें पवनमुक्तासन करने से बचना चाहिए।
यदि आपको उच्च रक्तचाप, माहवारी की समस्या और गर्दन में दर्द हो तो पवनमुक्तासन करने में सावधानी बरतें।
यदि आपके सीने में दर्द (chest pain) की समस्या हो या गर्दन में कोई पुरानी चोट हो तो इस आसन को करने से बचें।
आमतौर पर ज्यादातर आसन खाली पेट ही किया जाता है लेकिन पवनमुक्तासन को खाली पेट करने से बचें।
गर्भवती महिलाओं को पवनमुक्तासन करने से बचना चाहिए।
यदि आप पेट के अल्सर (stomach ulcer) से पीड़ित हैं तो आपको पवनमुक्तासन नहीं करना चाहिए।
 

अर्थराइटिस में पवनमुक्तासन के फायदे

यह आसन उन लोगों के लिए भी फायदेमंद है जो एसिडिटी, अर्थराइटिस के दर्द एवं हृदय रोगों (heart problems) से ग्रसित हैं। पवनमुक्तासन पेट की अनचाही चर्बी को कम करने में भी बहुत सहायक होता है।

पवन मुक्तासन के फायदे कमर दर्द में

यदि आपको सियाटिका (sciatica) की बीमारी है या कमर में दर्द एवं स्लिप डिस्क (slip disc) में परेशानी हो तो आपको पवनमुक्तासन का प्रतिदिन अभ्यास जरूर करना चाहिए।

महिलाओं के लिए पवनमुक्तासन के फायदे

यह एक ऐसा आसन है जिसे महिलाओं को जरूर करना चाहिए। विशेषरूप से गर्भाशय की समस्या से पीड़ित महिलाओं को इस आसन को करने की सलाह दी जाती है। यह आसन गर्भाशय (uterus) से जुड़ी बीमारियों को दूर करने में मदद करता है। जनन क्षमता बेहतर बनाने में भी यह आसन फायदेमंद होता है।

पवनमुक्तासन के फायदे

Pawanmuktasana ke fayde in Hindi यह आसन आमतौर पर पेट की हवा को बाहर निकालने के लिए किया जाता है। इसके साथ ही शरीर के अंदर जमा अशुद्धियों को भी बाहर करने में यह आसन बहुत फायदेमंद होता है। इसके अलावा भी पवनमुक्तासन करने के कई फायदे होते हैं, तो आइये जानते हैं इस आसन को करने से क्या फायदे होते हैं।

“योग विज्ञान है” – ओशो

 योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग का इस्लाम, हिंदू, जैन या ईसाई से कोई संबंध नहीं है। 

जिन्हें हम धर्म कहते हैं वे विश्वासों के साथी हैं। योग विश्वासों का नहीं है, जीवन सत्य की दिशा में किए गए वैज्ञानिक प्रयोगों की सूत्रवत प्रणाली है। इसलिए पहली बात मैं आपसे कहना चाहूंगा वह यह कि  योग विज्ञान है, विश्वास नहीं। योग की अनुभूति के लिए किसी तरह की श्रद्धा आवश्यक नहीं है। योग के प्रयोग के लिए किसी तरह के अंधेपन की कोई जरूरत नहीं है।

नास्तिक भी योग के प्रयोग में उसी तरह प्रवेश पा सकता है जैसे आस्तिक। योग नास्तिक-आस्तिक की भी चिंता नहीं करता है। विज्ञान आपकी धारणाओं पर निर्भर नहीं होता; विपरीत, विज्ञान के कारण आपको अपनी धारणाएं परिवर्तित करनी पड़ती हैं। कोई विज्ञान आपसे किसी प्रकार के बिलीफ, किसी तरह की मान्यता की अपेक्षा नहीं करता है। विज्ञान सिर्फ प्रयोग की, एक्सपेरिमेंट की अपेक्षा करता है।